CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SIDH KUNJIKA

Considerations To Know About sidh kunjika

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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

And also the fear of not currently being is born in that Room. But in meditation, when This is often understood, the brain can enter right into a dimension of Area the place motion is inaction. We do not know what really like is, for from the House created by believed all over alone as the me, love is the conflict of your me as well as the not-me. This conflict, this torture, is just not love. Assumed could be the extremely denial of love, and it simply cannot enter into that Area the place the me is just not. In that Place is definitely the benediction which guy seeks and cannot find. He seeks it throughout the frontiers of thought, and imagined destroys the ecstasy of the benediction."

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और read more विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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